hindi kahaniya for kids
भाषा का अनुपम उदाहरण कह सकते हैं। हिन्दी उर्दू शब्दों की यह मिश्रित भाषा
कहानियाँ लिखी । बैगन का पौधा, झेलम के सात पुल छीटे आदि कहानी - संग्रह इनके इन्हीं
(एक) "बंदी!" "क्या है? सोने दो।" "मुक्त होना चाहते हो?" "अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।" "फिर अवसर न मिलेगा।" "बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।" "आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद
बरगद का साया। अटल पैन्यूली 'उत्तराखंडी'।
यह आधुनिकता मात्र नगरों और कस्बों तक ही सीमित नहीं है अपितु इस धीरे-धीरे
लिखते समय कहानीकार यह ध्यान रखता है कि जिस कहानी की वह रचना कर रहा है वह
कहानियों की संख्या में वृद्धि करने वाले अन्य कहानीकारों में, गंगा प्रसाद विमल, दूधनाथ सिंह, राजकमल चौधरी, गिरिराज किशोर, सुरेश सिंन्हा
पश्चात् भारतीय जन जीवन में अनेक परिवर्तन आये जिसका यथार्थ प्रतिबिम्ब 'नई कहानी' में देखने को
इन्होंने मानव के अवचेतन मन की क्रियाओं और उनकी मानसिक ग्रन्थियों को अपनी
व्यक्ति की मानसिक गुत्थियों, सामाजिक परिवेश, के दबाब और प्रतिबद्धता के कारण होने वाली वैयक्तिक
हैं। वर्तमान में कहानी के लिए जिन तत्वों को निर्धारित किया गया है, रानी केतकी की
के लिए किये जाने वा यत्नों से पैदा हुए अवरोध और संकटों से लेकर उच्चवर्गीय
अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल फटी-फटी आकृति खींचने लगी। सात नंबर कमरे से लड़कियों की बातचीत और हँसी-ठहाकों का स्वर अभी तक आ रहा था। लतिका ने दरवाज़ा खटखटाया। निर्मल वर्मा
आदर्शवादी कहानियाँ हैं तो मधुवा, और गुंडा जैसी कहानियाँ यथार्थवादी कहानी